नई दिल्ली| उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे की मुठभेड़ को फर्जी नहीं कहा जा सकता पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई थी इसके साथ ही सरकार ने कहा कि विकास ने उज्जैन में समर्पण नहीं किया था मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी|गृह सचिव द्वारा दायर हलफ़नामे में कहा गया की विकास पर 64 आपराधिक केस दर्ज थे और एक मामले में उम्रक़ैद की सजा भी हुई थी । दिए गए हलफनामे के अनुसार यूपी एसटीएफ जो विकास को उज्जैन से कानपुर ला रही थी बारिश और तेज रफ्तार के कारण गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई विकास में मौके का फायदा उठाते हुए पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली वहीं पुलिस पर गोलियां चला भागने की कोशिश कर रहा था पुलिस ने उसे समर्पण करने को कहा था लेकिन उसने इंकार कर दिया।तब पुलिस वालो ने गोलियाँ चलाई ।