लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यभार संभाले प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को एक साल बीत चुके हैं। लेकिन, अभी तक इनकी अपनी टीम का गठन नहीं हो पाया है। भाजपा इन दिन वर्चुवल रैलियों में व्यस्त है। इसी के साथ एक बार प्रदेश कार्यकारिणी के पुनर्गठन और पार्टी के युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, सहित विभिन्न संगठनों के भी चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गयी है। भाजपा के फ्रंटल संगठनों में प्रदेश अध्यक्ष के बाद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पद पार्टी की महिला मोर्चा इकाई के अध्यक्ष का होता है। इस पद को लेकर इस बार भी कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है। वर्तमान संगठन की दो पदाधिकारी इस पद के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जब डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय थे तब भी वर्ष 2018 में दो साल बाद महिला मोर्चा का गठन हो पाया था। लंबी जद्दोजहद के बाद प्रदेश महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद पर दर्शना सिंह की नियुक्ति हुई थी। लंबी कवायद के बाद दर्शना सिंह ने अपनी टीम बनायी थी। तब से लेकर अब वह उसी टीम के साथ काम कर रही हैं. दर्शना सिंह की टीम में 26 पदाधिकारियों के साथ भाजपा के छह क्षेत्रों कीअध्यक्ष कार्यरत हैं। जबकि, 10 उपाध्यक्ष, दो महामंत्री, 10 मंत्री, एक-एक कोषाध्यक्ष, प्रदेश कार्यालय मंत्री और प्रदेश मीडिया प्रभारी के पद हैं। इसी के साथ महिला मोर्चा की 25 सदस्यीय कार्यसमिति भी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कह चुके हैं जैसे ही लाकडाउन खतम होगा नयी कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया तेज होगी। प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के बाद पार्टी के सभी फ्रंटल संगठनों में चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है। सूत्रों की मानें तो इस बार भी दर्शना सिंह प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार होंगी। इसी के साथ प्रदेश महिला मोर्चा की महासचिव अर्चना मिश्रा के भी चुनाव लडऩे की अटकले हैं। ऐसे में दर्शना के निर्विरोध निर्वाचन को उनकी की कार्यकारिणी की पदाधिकारी से कड़ी टक्कर मिल सकती है। यदि मतपत्र के जरिए चुनाव होता है तो महिला मोर्चा प्रमुख पद का मुकाबला दिलचस्प होगा। ऐसे में स्वतंत्र देव सिंह के लिए भी एक चुनौती होगी कि वह नए और ऊर्जावान नेताओ को तरजीह देते हैं या फिर पुराने वफादारों की टीम को ही बहाल करते हैं।
यदि चुनाव की नौबत आती है तो न केवल भाजपा महिला मोर्चा बल्कि पार्टी के युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग मोर्चा व अनुसूचित जाति मोर्चा जैसी विंग में भी कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। महिला विंग की वर्तमान अध्यक्ष दर्शना सिंह चंदौली जिले की हैं। इसी जिले से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री महेंद्र पांडे भी आते हैं। यहीं से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हैं। इन नेताओं का वरदहस्त एक बार फिर दर्शना सिंह को मिलेगा या नहीं इसकी पार्टी कार्यालय में चर्चा है।
दर्शना और अर्चना दोनों लोकप्रिय :- बहरहाल, लॉकडाउन की अवधि में दर्शना सिंह की काफी सक्रियता दिखी। श्रमिकों को राहत सामग्री, फेस मास्क जैसी आवश्यक चीजें वितरित करने, उन्हें सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के काम में वह व्यस्त रहीं। जबकि, प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव अर्चना मिश्रा भी संगठन के विस्तार के साथ ही पार्टी के निर्देशों के अनुरूप काम करते हुए काफी सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना उज्ज्वला योजना की राज्य संयोजक के रूप में अर्चना मिश्रा ने बड़ी मेहनत की है। उनकी पहल पर जरूरतमंद और गरीब महिलाओं को एलपीजी सिलेंडर वितरित किए हैं। बहराहाल, दोनों की ही पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी लोकप्रियता है। पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह दोनों के कार्यों से भी परिचित हैं। यह जानना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसको मौका देती है।